इंदौर में 26 अगस्त को देवी अहिल्या बाई जयंती मनाई जा रही है। यह उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इंदौर शहर को भी माँ अहिल्या की नगरी के नाम से ही जाना जाता है। इस दौरान कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर जिले के लिए स्थानीय आवास घोषित कर दिया हैं। कलेक्टर द्वारा घोषित किया गया अवकाश बैंक एवं कोषालय पर लागू नहीं होंगे। दिनांक 26 अगस्त 2022 शुक्रवार को अहिल्या उत्सव होने के कारण सरकारी कार्यालय का समय सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। लंच के बाद सरकारी कार्यालयों में कामकाज नहीं होगा। कर्मचारियों को उत्सव में शामिल होने के लिए छुट्टी दी गई है। *माँ अहिल्या का इतिहास* अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के छौंड़ी ग्राम में हुआ. उनके पिता मंकोजी राव शिंदे, अपने गाव के पाटिल थे. उस समय महिलाये स्कूल नही जाती थी, लेकिन अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें लिखने -पढ़ने लायक पढ़ाया. अहिल्याबाई के पति खांडेराव होलकर 1754 के कुम्भेर युद्ध में शहीद हुए थे. 12 साल बाद उनके ससुर मल्हार राव होलकर की भी मृत्यु हो गयी. इसके एक साल बाद ही उन्हें मालवा साम्राज्य की महारानी का ताज पहनाया गया। वह हमेशा से ही अपने साम्राज्य को मुस्लिम आक्रमणकारियो से बचाने की कोशिश करती रही. बल्कि युद्ध के दौरान वह खुद अपनी सेना में शामिल होकर युद्ध करती थी. उन्होंने तुकोजीराव होलकर को अपनी सेना के सेनापति के रूप में नियुक्त किया था. रानी अहिल्याबाई ने अपने साम्राज्य महेश्वर और इंदौर में काफी मंदिरो का निर्माण भी किया था.